न्याय की नींव पर ही खड़ा होता है एक मजबूत राष्ट्र
न्याय की नींव पर ही खड़ा होता है एक मजबूत राष्ट्र किसी भी देश की असली तरक्की केवल उसकी आर्थिक समृद्धि या सैन्य ताकत से नहीं मापी जा सकती। एक राष्ट्र की वास्तविक उन्नति इस बात पर निर्भर करती है कि वहाँ के समाज में न्याय की व्यवस्था कितनी सुदृढ़ है। न्याय, किसी भी सभ्य समाज की वह बुनियाद है जिस पर विश्वास, समानता और प्रगति का महल खड़ा होता है। अगर समाज में इंसाफ की कमी हो, तो वहाँ न तो नागरिक सुरक्षित महसूस कर सकते हैं और न ही राष्ट्र विकास की सही दिशा में आगे बढ़ सकता है। समानता का प्रतीक न्याय समाज में समानता को बढ़ावा देता है। यह सुनिश्चित करता है कि कानून सबके लिए समान हो, चाहे कोई भी व्यक्ति किसी भी वर्ग, जाति, धर्म या लिंग का हो। जब समाज में सभी को समान अवसर मिलते हैं, तो कोई भी पीछे नहीं छूटता और सभी को अपनी क्षमता के अनुसार आगे बढ़ने का मौका मिलता है। यह समानता राष्ट्रीय विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भ्रष्टाचार पर अंकुश एक मजबूत न्याय प्रणाली भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मदद करती है। जब लोग जानते हैं कि उन्हें गलत काम करने पर सजा मिलेगी, तो वे ऐसा करने से डरते हैं। यह प...